--------------------------------------------------------------------------
Monday, February 21, 2011
">
Newer Posts
Older Posts
Home
Subscribe to:
Posts (Atom)
Nepalikavita
मेरो यात्राका लक्ष्य चुमेर तिमीले
ढुकढुकीको अविरल पदचाप भरिदिएपछि
मायाको सगरमाथामा
प्रेमको झण्डा रोप्न यी पाइला उठेकाछन्